
सोना एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही आँखों के सामने चमक जाती है। फिर वो चाहे दुल्हन का गहना हो, निवेश का साधन हो या फिर किसी देश की आर्थिक ताक़त का प्रतीक सोना हमेशा से इंसान के जीवन का हिस्सा रहा है। कहते हैं कि सोना सिर्फ़ एक धातु नहीं, बल्कि भावनाओं परंपराओं और समृद्धि का प्रतीक है। अगर आज हम 2025 की दुनिया की ओर देखें, तो सोना सिर्फ़ गहनों तक सीमित नहीं रहा। ये तो अब निवेश (Investment) की दुनिया का बादशाह बन चुका है।
सोना आखिर हर दिन नया मोड़ क्यों ले रहा है ?
7 सितम्बर 2025 को सोने ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया कि हर अख़बार की हेडलाइन वही थी सोना आसमान पर है।
(1) 24 कैरेट ने ₹1,08,490 प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छुआ।
(2) 22 कैरेट ₹99,450 पर पहुँचा।
(3) 18 कैरेट ने भी ₹81,370 का जलवा दिखा दिया।
ये आंकड़े सुनकर आम आदमी का दिल थोड़ा कांप सा गया। लेकिन वही निवेशकों की आँखों में चमक और भी बढ़ गई।
क्या आपको नहीं लगता है कि हमें ये जानना चाहिए कि आख़िर की बढ़ती है सोने की कीमत
सोना की कीमत ऐसे नहीं बढ़ता, इसके पीछे कई कारण हैं और चलिए हम आप को बताते हैं।
1. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार – अमेरिका में ब्याज दर की खबरें सुनते ही सोने का ग्राफ ऊपर-नीचे हो जाता है।
2. त्योहार और शादी का सीज़न – भारत में मांग बढ़ी तो भाव भी उछला।
3. मुद्रास्फीति (Inflation) – जब रुपए की ताकत घटती है, तब सोना लोगों का सहारा बनता है।
यही वजह है कि सोना कभी सिर्फ़ गहनों तक सीमित नहीं रहा, ये अब सेफ इन्वेस्टमेंट का दूसरा नाम है।
तो क्या हम सोने खरीदे या अभी और इंतजार करें ?
देखिए आज हर किसी के मन में यही सवाल है क्या अभी खरीद लें या थोड़ा रुकें अगर आप गहनों के लिए खरीद रहे हैं तो वक्त कोई मायने नहीं रखता, क्योंकि सोना तो जिन्दगी भर आपके पास रहेगा। लेकिन अगर आप निवेशक हैं, तो छोटे-छोटे हिस्सों में खरीदना सही रहेगा। क्योंकि बाज़ार में उतार-चढ़ाव चलते रहेंगे, पर लंबे समय में सोना हमेशा भरोसा देता है।
2025 में सोने की कीमतों के बारे में चर्चा
2025 में सोने की मांग लगातार बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों, डॉलर की मजबूती और महंगाई दर के चलते सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।विशेषज्ञ मानते हैं कि 2025 के अंत तक सोने की कीमतें 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती हैं।भारत जैसे देश में जहाँ त्योहार और शादियाँ में सोने की मांग को और बढ़ाती हैं, वहाँ सोने की चमक और भी बढ़ने वाली है।
भविष्य का सोना टेक्नोलॉजी और क्रिप्टो के दौर में
आज के दौर में जब दुनिया डिजिटल हो रही है और क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा हो रही है, तब भी सोना अपनी जगह बनाए हुए है।क्रिप्टो, शेयर मार्केट और रियल एस्टेट जैसे विकल्प आते-जाते रहते हैं, लेकिन सोना हमेशा से ही भरोसेमंद विकल्प रहा है।भविष्य में डिजिटल गोल्ड और गोल्ड-आधारित NFT जैसे कॉन्सेप्ट और भी लोकप्रिय हो सकते हैं।
सोने का इतिहास कब और कैसे शुरू हुआ आइए जानते हैं
सोने की कहानी उतनी ही पुरानी है जितनी मानव सभ्यता की। पुरातत्वविदों का मानना है कि लगभग 6000 साल पहले इंसान ने सबसे पहले सोने को धातु के रूप में खोजा। मिस्र की सभ्यता में तो सोना देवताओं की धातु माना जाता था। फ़राओ के मकबरों से निकले सोने के गहने और शिल्प आज भी इतिहासकारों को हैरान करते हैं। भारत में भी सोना हजारों सालों से समृद्धि का प्रतीक रहा है। हमारे यहां “सोने की चिड़िया” कहकर भारत को संबोधित किया जाता था। प्राचीन काल में राजा-महाराजाओं की तिजोरियां सोने से भरी रहती थीं। यही कारण है कि आज भी भारतीय परिवार शादी-ब्याह और त्योहारों पर सोना खरीदना शुभ मानते हैं।
निष्कर्ष
सोना केवल एक सोना नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति, विज्ञान और निवेश की शान है। मिस्र के फ़राओ से लेकर भारत की दुल्हन तक सोने ने हमेशा इंसानों के जीवन को रोशन किया है। यह धातु सिर्फ़ शरीर को नहीं, बल्कि भावनाओं, परंपराओं और अर्थव्यवस्था को भी चमकाती है।