अब किसानों की किस्मत बदलेगी! यूपी सरकार का नया PPP मॉडल मक्का और आलू की खेती से बढ़ाएगा आमदनी”

20 जुलाई 2025, लखनऊ।

किसान केवल अनाज नहीं उगाते, वे इस देश की नींव को सींचते हैं। लेकिन जब उनकी मेहनत को सही कीमत और बाजार नहीं मिलता, तो सपनों की फसल अधूरी रह जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब किसानों की इस परेशानी का स्थायी समाधान खोज निकाला है। राज्य में मक्का और आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने Public-Private Partnership Agri Value Chain Development (PPPAVCD) मॉडल की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य किसानों की आमदनी को दोगुना करना, आधुनिक खेती को बढ़ावा देना और उन्हें सीधे बाजार से जोड़ना है।

मक्का किसानों को मिलेगा सीधा बाजार, एथेनॉल उत्पादन से जुड़ेंगे किसान

इस योजना के तहत मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत की अग्रणी एग्रीटेक कंपनी Ninjacart के साथ करार किया है। इस समझौते के अनुसार, निंजाकार्ट हर साल करीब 25,000 टन मक्का की खरीदी करेगी, जिससे 5 जिलों के 10,000 से ज्यादा किसान सीधे लाभान्वित होंगे।

इस मक्के का उपयोग एथेनॉल निर्माण के लिए किया जाएगा, जिससे न केवल किसानों को उचित मूल्य मिलेगा बल्कि भारत की ग्रीन एनर्जी मिशन को भी मजबूती मिलेगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को उनके उत्पाद का सीधा लाभ मिलेगा।

बेल्जियम की कंपनी Agristo के साथ साझेदारी: आलू किसानों को मिलेगा ग्लोबल मार्केट

राज्य सरकार ने आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए भी एक अंतरराष्ट्रीय अवसर का द्वार खोल दिया है। अब उत्तर प्रदेश के आलू सीधे विदेशों के बाजार में बिकेंगे। सरकार ने बेल्जियम की अग्रणी कंपनी Agristo Massa के साथ साझेदारी की है, जो आलू के प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट में माहिर है।

Agristo न केवल आलू उत्पादकों को आधुनिक खेती की तकनीकें सिखाएगी, बल्कि स्थानीय किसानों के उत्पादों को प्रोसेस करके विदेशों में भेजेगी। विशेषकर यूपी के वे जिले जहां आलू की पैदावार अधिक होती है, उन्हें इससे सीधा फायदा होगा और किसान अपनी फसल को वैश्विक बाजार में बेच सकेंगे।

आधुनिक सुविधाएं और किसानों को केंद्र में रखकर हो रही योजना की रूपरेखा

इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें किसानों को केवल उत्पादन तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि उन्हें पूरा सप्लाई चेन सिस्टम मुहैया कराया जा रहा है। सरकार द्वारा स्थापित की जा रही Farmer Producer Organizations (FPOs) के माध्यम से किसानों को जोड़ा जाएगा।

महिला किसानों की भागीदारी को भी योजना में प्राथमिकता दी गई है। उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीज, आधुनिक कृषि यंत्र, डिजिटल मूल्य जानकारी प्लेटफॉर्म, और फसल बीमा कवर जैसी सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे खेती जोखिम मुक्त और लाभकारी बने।

कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट्स से होगी फसल की लंबी उम्र

किसानों को सबसे बड़ी परेशानी फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान से होती है। लेकिन अब सरकार इस समस्या का भी समाधान लेकर आई है। PPP मॉडल के तहत कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना की जा रही है। इससे फसल की शेल्फ लाइफ बढ़ेगी, गुणवत्ता बनी रहेगी, और किसान अपनी फसल को उचित समय पर बेच सकेंगे।

किसानों की जिंदगी बदलेगी, गांवों की तस्वीर संवर जाएगी

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसे एक “कृषि क्रांति” की शुरुआत बताया है। उनका मानना है कि इस मॉडल से किसानों को उद्योगों और वैश्विक बाजार से जोड़ा जा सकेगा, जिससे उन्हें उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

यह PPP मॉडल न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि पूरा देश इसे एक उदाहरण के रूप में अपना सकता है, जिससे भारत के कृषि क्षेत्र में एक नया युग शुरू हो सकता है।

डिस्क्लेमर:

यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 20 जुलाई 2025 को घोषित की गई PPPAVCD योजना पर आधारित है। इसमें दी गई सभी जानकारियाँ आधिकारिक सूत्रों और समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार तैयार की गई हैं। योजना से जुड़ी जानकारी समयानुसार बदल सकती है, अतः कृपया अधिकृत वेबसाइट या संबंधित सरकारी विभाग से अपडेट जानकारी प्राप्त करें।

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