
उत्तर प्रदेश सरकार ने “स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना” के तहत 25 लाख युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना और डिजिटल शिक्षा एवं सरकारी सेवाओं तक उनकी पहुंच को सरल बनाना है। इस योजना के तहत 2024-25 के लिए ₹4000 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।
योजना का उद्देश्य

स्वामी विवेकानंद योजना का मुख्य लक्ष्य युवाओं को तकनीकी और शैक्षिक रूप से मजबूत बनाना है। योजना के उद्देश्यों में शामिल हैं:
- शैक्षिक और व्यावसायिक सशक्तिकरण: स्मार्टफोन का उपयोग करके छात्रों को डिजिटल सामग्री और ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच देना।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी: युवाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं से जोड़ना।
- रोजगार के अवसर बढ़ाना: डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर स्वरोजगार और नौकरी की संभावनाएं बढ़ाना।
योजना की वर्तमान स्थिति
इससे पहले 2021-22 की पायलट योजना के तहत 48.60 लाख डिवाइस (स्मार्टफोन और टैबलेट) वितरित किए गए थे। अब, 2024-25 में 25 लाख नए स्मार्टफोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।

बजट और खर्च
- 2024-25 का बजट: ₹4000 करोड़।
- प्रत्येक स्मार्टफोन की औसत लागत ₹9972 तय की गई है।
- कुल 25 लाख स्मार्टफोन खरीदने के लिए ₹2493 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
- अब तक ₹941 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।
योजना का क्रियान्वयन
योजना की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
- नोडल एजेंसी:
यूपी डेस्को, लखनऊ को योजना की नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। यह एजेंसी स्मार्टफोन की खरीद और वितरण प्रक्रिया की निगरानी करेगी। - लाभार्थियों का चयन:
योजना के तहत स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास और अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नामांकित छात्र-छात्राओं को लाभ दिया जाएगा।
तकनीकी उपकरणों का महत्व
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि स्मार्टफोन छात्रों को शिक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेंगे।
- शैक्षिक लाभ:
- ऑनलाइन कक्षाओं और डिजिटल सामग्री तक आसान पहुंच।
- डिजिटल लाइब्रेरी और शैक्षिक ऐप्स का उपयोग।
- व्यावसायिक लाभ:
- डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, और स्वरोजगार के नए अवसर।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी और उनका लाभ।

2021-22 की पायलट योजना का प्रदर्शन
वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना की शुरुआत की गई थी।
- लक्ष्य: 60.05 लाख डिवाइस (22.80 लाख टैबलेट और 37.25 लाख स्मार्टफोन) खरीदना।
- वितरण: 48.60 लाख डिवाइस पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
डिजिटल इंडिया में योगदान
यह पहल उत्तर प्रदेश को “डिजिटल इंडिया” अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देने में मदद करेगी। डिजिटल संसाधनों तक पहुंच राज्य के युवाओं को न केवल शिक्षा में आगे बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।
योजना की चुनौतियां
- पारदर्शिता बनाए रखना:
वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना ताकि हर योग्य लाभार्थी को योजना का लाभ मिले। - लाभार्थियों तक पहुंच:
राज्य के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों तक उपकरण पहुंचाना। - स्मार्टफोन का सही उपयोग:
युवाओं को यह समझाना कि स्मार्टफोन का उपयोग केवल शैक्षिक और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करें।
चुनौतियों का समाधान
- पारदर्शिता: स्मार्टफोन वितरण प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा।
- लाभार्थियों तक पहुंच: वितरण प्रक्रिया को स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
- जागरूकता अभियान: युवाओं को स्मार्टफोन के सही उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आने वाले वित्तीय वर्ष की योजना
- 2024-25 के लिए ₹4000 करोड़ की धनराशि स्वीकृत।
- योजना के तहत 25 लाख स्मार्टफोन का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।
युवाओं के लिए फायदे

- शैक्षिक उपयोग:
- छात्रों को उनके पाठ्यक्रम में मदद।
- डिजिटल लर्निंग के जरिए नई स्किल्स का विकास।
- सरकारी योजनाओं तक पहुंच:
- सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता।
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में मदद।
- डिजिटल कौशल विकास:
- तकनीकी ज्ञान और डिजिटल मार्केटिंग के अवसर।
निष्कर्ष
“स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना” उत्तर प्रदेश सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जो युवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाकर राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देगी। यह योजना न केवल युवाओं को शिक्षा और रोजगार के नए अवसर देगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को “डिजिटल इंडिया” के लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाने में मदद करेगी।