उत्तर प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है, और इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष योजना और पहल है। प्रदेश का दूध उत्पादन देश में सबसे अधिक है, जो लगभग 16 प्रतिशत है, और यह लगातार बढ़ रहा है। इस सफलता के पीछे योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का महत्वपूर्ण हाथ है, जो प्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित हो रहे हैं।
1. प्रदेश में दूध उत्पादन की बादशाहत
देश के कुल दूध उत्पादन का 239.30 मिलियन टन में उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे अधिक है। इस सफलता को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक है नस्ल सुधार की प्रक्रिया, जहां गोरखपुर में राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय का उद्घाटन किया गया है। यह महाविद्यालय नस्ल सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा, सरकार ने सेक्स शॉर्टेज तकनीक का भी उपयोग करना शुरू किया है, जो सिर्फ बछिया होने की संभावना 90 प्रतिशत से अधिक बनाता है।
2. पशुपालकों को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालकों के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है, जिससे उनका हौसला बढ़ेगा। हर स्तर पर पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए “नंद बाबा” और “गोकुल पुरस्कार” जैसे सम्मान दिए जाते हैं। सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से पशुपालकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा, सरकार ने ऑस्ट्रेलिया सरकार से सहयोग की इच्छा भी जताई थी, जिससे नस्ल सुधार में मदद मिलेगी और उत्पादन बढ़ेगा।
3. सहकारिता से समृद्धि की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने “सहकारिता से समृद्धि” के नारे को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। हाल ही में पीसीडीएफ (प्रादेशिक सहकारी डेयरी संघ) का प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री के सामने रखा गया था, जिसमें दुग्ध संघों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए कई निर्देश दिए गए। दुग्ध संघों में दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर जोर दिया गया। इस पहल से दुग्ध उत्पादकता में सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
4. छोटे और भूमिहीन किसानों के लिए पशुपालन
उत्तर प्रदेश के अधिकांश पशुपालक छोटे और भूमिहीन किसान हैं। इन किसानों के लिए पशुपालन एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत बन चुका है। योगी सरकार ने इन्हें समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण स्वरूप, सरकार ने लघु और सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक के ऋण को माफ किया है, जिससे वे पशुपालन में और अधिक निवेश कर सकें। इस तरह, सरकार का मुख्य उद्देश्य इन किसानों की आय में वृद्धि करना है।
5. गोबर, गोमूत्र और अन्य सह उत्पादों को आर्थिक रूप से उपयोगी बनाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि गोबर और गोमूत्र जैसे सह उत्पादों को भी आर्थिक रूप से उपयोगी बनाया जाए। इसके लिए, प्रदेश सरकार ने गोबर से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। इस पहल से किसानों को अतिरिक्त आय होगी और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा। सरकार इन प्लांट्स के लिए भूमि उपलब्ध कराएगी, जिससे गोबर और गोमूत्र का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
6. महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का अवसर
पशुपालन क्षेत्र में महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रभावी तरीका है। सरकार ने इस क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार देने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इससे महिलाएं न केवल अपने परिवारों की आय बढ़ा सकेंगी, बल्कि समाज में भी उनकी स्थिति मजबूत होगी।
योगी सरकार की ये योजनाएं प्रदेश के पशुपालकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई हैं। यदि आप भी पशुपालन से जुड़कर अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो इन योजनाओं का लाभ उठाकर आप भी मालामाल बन सकते हैं।