प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की मुफ्त पढ़ाई का सपना साकार होगा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाने की योजना बनाई है। अगले साल से प्रदेश के हर जिले में मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय (Chief Minister Model Composite School) खोलने की तैयारी है। इन स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
यह महत्वाकांक्षी योजना तीन चरणों में पूरी की जाएगी, जिसमें पहले चरण में 27 जिलों का चयन किया गया है। इन जिलों में आधुनिक सुविधाओं और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा से परिपूर्ण स्कूल स्थापित किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना और निम्न आय वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
योजना का मुख्य उद्देश्य
योगी सरकार का यह कदम राज्य के शैक्षणिक ढांचे को आधुनिक और समावेशी बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लाने वाला है। इन स्कूलों में निम्न आय वर्ग के करीब 1500 विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। साथ ही, यहां का माहौल पूरी तरह से कान्वेंट स्कूलों जैसा होगा, ताकि बच्चों को किसी प्रकार की हीन भावना का सामना न करना पड़े।
स्कूलों में आधुनिक संसाधन और नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इसके जरिए विद्यार्थियों को आत्मविश्वास और प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ सशक्त नागरिक बनाने पर जोर दिया जाएगा।
तीन चरणों में पूरी होगी योजना
- पहला चरण:
पहले चरण में उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।- इन जिलों में स्कूलों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और डीपीआर (Detailed Project Report) को मंजूरी दी जा चुकी है।
- 22 जिलों में 25 करोड़ रुपये जबकि 5 जिलों में अतिरिक्त भूमि लागत को देखते हुए 25 करोड़ से अधिक राशि आवंटित की गई है।
- दूसरा और तीसरा चरण:
अगले चरणों में इस योजना को अन्य जिलों तक विस्तारित किया जाएगा, ताकि प्रदेश के हर कोने में यह सुविधा उपलब्ध हो सके।
पहले चरण में इन जिलों में खुलेंगे स्कूल
मैनपुरी, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, अम्बेडकरनगर, औरैया, बलिया, हमीरपुर, कानपुर देहात, सुल्तानपुर, चित्रकूट, अमेठी, अमरोहा, बिजनौर, बुलंदशहर, हरदोई, महाराजगंज, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, जालौन, ललितपुर, श्रावस्ती, बागपत, इटावा, हापुड़ और कुशीनगर।
नए स्कूलों की विशेषताएं
- अत्याधुनिक शैक्षिक संसाधन
- मुफ्त शिक्षा: प्री-प्राइमरी से 12वीं तक
- कान्वेंट स्कूल जैसा माहौल
- 1500 विद्यार्थियों की क्षमता
- सरकारी और निजी शिक्षा के बीच की खाई को कम करने का प्रयास
सरकार की बड़ी जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन स्कूलों के निर्माण और संचालन में किसी भी प्रकार की वित्तीय या प्रशासनिक बाधा न आए। 1000 करोड़ रुपये की बड़ी राशि का प्रावधान इस बात का सबूत है कि सरकार इस परियोजना को गंभीरता से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
योजना का महत्व
इस पहल से निम्न आय वर्ग के बच्चों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मौका मिलेगा। यह न केवल प्रदेश के शिक्षा स्तर को बढ़ाएगा, बल्कि समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।