शहरीकरण के दौर में हरियाली की कमी और ताजे खाद्य उत्पादों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने एक नई और क्रांतिकारी पहल की शुरुआत की है। “छत पर बागवानी योजना” के तहत शहरी क्षेत्रों में लोग अपने घरों की छत पर फल, फूल और सब्जियां उगाकर न केवल हरियाली बढ़ा सकते हैं, बल्कि हर महीने हजारों रुपये की बचत भी कर सकते हैं।

यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इस लेख में जानिए इस योजना की पूरी जानकारी, इसके लाभ, और इसे कैसे अपनाएं।
योजना का उद्देश्य
- शहरी हरियाली बढ़ाना: बिहार के शहरी इलाकों में हरियाली की कमी को पूरा करने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।
- स्वच्छ खाद्य उत्पाद: छत पर उगाई गई सब्जियां रसायन मुक्त और पूरी तरह सुरक्षित होंगी।
- आत्मनिर्भरता: योजना से लोग अपने उपयोग के लिए फल और सब्जियां खुद उगा सकते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण: बागवानी से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और शहरी गर्मी को भी कम किया जा सकेगा।

योजना का लाभ कैसे लें?
अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए गए कुछ आसान शर्तों को पूरा करना होगा:
- खाली छत की जरूरत: अगर आपका मकान निजी है, तो छत पर 300 वर्ग फीट की खाली जगह होनी चाहिए।
- सोसाइटी वालों के लिए NOC: अगर आप अपार्टमेंट में रहते हैं, तो आपको अपनी सोसाइटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना होगा।

लागत और सब्सिडी की जानकारी
- प्रति इकाई लागत: ₹48,574
- सरकारी अनुदान: 75% यानी ₹36,430.50
- लाभार्थी का अंशदान: ₹12,143.50
किन जिलों में लागू है यह योजना?
वर्तमान में यह योजना बिहार के चार प्रमुख शहरी क्षेत्रों में लागू है:
- पटना (सदर, दानापुर, फुलवारी, खगौल)
- भागलपुर
- गया
- मुजफ्फरपुर
योजना से कैसे जुड़े?
- आवेदन करें: अपने क्षेत्र के कृषि विभाग में संपर्क करें।
- सामग्री की आपूर्ति: गमले, फार्मिंग बेड, और पौधे सरकार द्वारा सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- समय-समय पर निरीक्षण: कृषि विभाग समय-समय पर आपकी छत की बागवानी का निरीक्षण करेगा और सुझाव देगा।

योजना के फायदे
- शहरों में हरियाली: छत पर बागवानी से शहरों में हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण को लाभ होगा।
- रसायन मुक्त सब्जियां: घर पर उगाई गई सब्जियां पूरी तरह से जैविक और सुरक्षित होंगी।
- आर्थिक बचत: बाजार से सब्जियां खरीदने पर होने वाले खर्च में कटौती होगी।
- आत्मनिर्भरता: लोग अपने उपयोग के लिए खाद्य पदार्थ खुद उगाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
बिहार सरकार न केवल छत पर बागवानी, बल्कि अन्य योजनाओं के माध्यम से भी हरियाली और खेती को प्रोत्साहित कर रही है:
- नलकूप योजना: सिंचाई की बेहतर सुविधा के लिए।
- बीज मसाले एवं सहजन योजना: उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए।
- प्याज भंडारण संरचना: किसानों के लिए भंडारण सुविधा।
- मखाना भंडार गृह निर्माण: मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए।
- सब्जी विकास योजना: सब्जी उत्पादन में मदद के लिए।

कृषि मंत्री का दृष्टिकोण
कृषि मंत्री मंगल पांडे ने योजना की समीक्षा बैठक में कहा कि छत पर बागवानी के लिए गमलों और फार्मिंग बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, सरकार अधिक से अधिक लोगों को योजना की जानकारी देकर इसका लाभ पहुंचाने पर जोर दे रही है।
निष्कर्ष
बिहार सरकार की यह योजना न केवल शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने का एक बड़ा कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता और स्वच्छ खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अगर आपके पास अपनी छत है और आप पर्यावरण के प्रति सजग हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।

बिहार कृषि योजना: छत पर बागवानी योजना, बिहार सरकार की सब्सिडी योजना, शहरी हरियाली योजना, रसायन मुक्त सब्जियां, बिहार की सरकारी योजनाएं 2024–25.