परिचय (Introduction):
भारत के लाखों किसान और ग्रामीण परिवार गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं पर निर्भर हैं। ये पशु उनके लिए केवल दूध का स्रोत नहीं, बल्कि आय और आर्थिक स्थायित्व का भी साधन हैं। परंतु यदि पशु किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण मर जाए, तो इसका प्रभाव सीधे किसान की आजीविका पर पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने ‘दुधारू पशु बीमा योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना में केवल ₹525 के भुगतान पर पशुपालक ₹60,000 तक का बीमा करा सकते हैं, जिसमें सरकार 75% सब्सिडी देती है।
मुख्य उद्देश्य (Main Objectives):
उद्देश्य | विवरण |
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1.आर्थिक सुरक्षा | पशु की मृत्यु पर पशुपालकों को वित्तीय राहत देना |
2.रोगों से संरक्षण | गंभीर रोगों जैसे लम्पी वायरस से पशुपालकों को सुरक्षा प्रदान करना |
3.दुग्ध उत्पादन बढ़ाना | सुरक्षित पशुपालन से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना |
4.ग्रामीण आय में वृद्धि | पशुपालन को लाभकारी बनाकर ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाना |
5.सहकारी समितियों की भागीदारी | समितियों को योजना से जोड़कर सामूहिक विकास को बढ़ावा देना |
योजना के मुख्य लाभ (Key Benefits of the Scheme):
लाभ | विवरण |
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1.सस्ती बीमा प्रीमियम | मात्र ₹525 में ₹60,000 तक बीमा |
2.75% सरकारी सब्सिडी | सरकार बीमा राशि का 75% वहन करती है |
3.1 वर्ष की बीमा अवधि | एक साल तक बीमा सुरक्षा मिलती है |
4.स्वास्थ्य सत्यापन | केवल स्वस्थ पशु का ही बीमा किया जाता है |
5.सीधा लाभार्थी को भुगतान | पशु की मृत्यु पर बीमा राशि सीधे किसान के खाते में जाती है |
बीमा राशि और सब्सिडी का वितरण (Insurance Premium & Subsidy Details):
विवरण | राशि |
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1.दुधारू पशु का अधिकतम मूल्य | ₹60,000 |
2.बीमा प्रीमियम की दर | 3.5% |
3.कुल बीमा राशि | ₹2,100 |
4.सरकार द्वारा सब्सिडी (75%) | ₹1,575 |
5.पशुपालक द्वारा भुगतान (25%) | ₹525 |
पात्रता (Eligibility Criteria):
मानदंड | विवरण |
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1.निवास | आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए |
2.पशु का प्रकार | दुधारू गाय या भैंस |
3.पशु की आयु | 2 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम |
4.स्वास्थ्य प्रमाण पत्र | सरकारी पशु चिकित्सक से प्रमाणित होना अनिवार्य |
5.सहकारी समिति सदस्य | प्राथमिकता दी जाती है लेकिन आवश्यक नहीं |
कैसे करें आवेदन? (How to Apply):
चरण | विवरण |
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1 चरण | dairy.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाएं |
2 चरण | “दुधारू पशु बीमा योजना” सेक्शन पर क्लिक करें |
3 चरण | आवेदन फॉर्म भरें: नाम, पता, पशु का विवरण, हेल्थ सर्टिफिकेट आदि |
4 चरण | सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें |
5 चरण | ₹525 का ऑनलाइन भुगतान करें |
6 चरण | फॉर्म सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें |
आवश्यक दस्तावेज (Required Documents):
दस्तावेज़ | आवश्यकता |
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1.आधार कार्ड / पहचान पत्र | पहचान के लिए अनिवार्य |
2.पशु का हेल्थ सर्टिफिकेट | सरकारी पशु चिकित्सक द्वारा प्रमाणित |
3.बैंक खाता विवरण | मुआवजा प्राप्ति के लिए |
4.पासपोर्ट साइज फोटो | फॉर्म के साथ अटैच करना जरूरी |
5.सहकारी समिति प्रमाण पत्र | अगर सदस्य हैं तो बोनस लाभ मिल सकता है |
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
1.टैगिंग अनिवार्य है: बीमा कंपनी पशु के कान में ईयर टैग लगाएगी
2.क्लेम प्रक्रिया: मृत्यु के 24 घंटे के भीतर सूचना देनी होगी
3.बीमा अवधि: 1 वर्ष तक मान्य, समय पर नवीनीकरण ज़रूरी
4.संपर्क सूत्र: अपने जिले के गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क करें
योजना के लाभ से कैसे बदलेगी ग्रामीण तस्वीर?
क्षेत्र | प्रभाव |
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1.आर्थिक स्थायित्व | पशुपालक आत्मनिर्भर बनेंगे और जोखिम से सुरक्षित रहेंगे |
2.पशुपालन में रुचि | अधिक पशुपालन की ओर किसानों का झुकाव बढ़ेगा |
3.दुग्ध उत्पादन | दूध की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार |
4.रोजगार | पशु बीमा, चिकित्सा और सप्लाई चेन में नए रोजगार |
5.सहकारी विकास | ग्रामीण समितियों को आर्थिक मजबूती |
निष्कर्ष (Conclusion):
‘दुधारू पशु बीमा योजना’ बिहार सरकार की एक अभिनव पहल है जो न केवल पशुपालकों को सुरक्षा देती है बल्कि पशुपालन को एक सुरक्षित और लाभदायक व्यवसाय भी बनाती है। अगर आप भी गाय या भैंस पालते हैं, तो इस योजना का लाभ उठाकर केवल ₹525 में अपने पशु की सुरक्षा सुनिश्चित करें और आर्थिक स्थिरता की ओर कदम बढ़ाएं।
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें: dairy.bihar.gov.in