
उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबी उन्मूलन और पोषण सुधार के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए “मुख्यमंत्री सहभागिता योजना पोषण मिशन” के अंतर्गत गरीब परिवारों को मुफ्त दुधारू गाय देने का ऐलान किया है। इस पहल का उद्देश्य न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है, बल्कि पोषण संबंधी समस्याओं को भी दूर करना है।
योजना का मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना का मुख्य उद्देश्य कुपोषण को खत्म करना और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। योजना के तहत 14 जनवरी को “विशेष गोवंश सुपुर्दगी दिवस” का आयोजन किया गया, जिसमें दुधारू गायें गरीब परिवारों को सौंपी गईं। साथ ही, प्रत्येक गाय के भरण-पोषण के लिए सरकार 50 रुपये प्रतिदिन की आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है।

योजना के लाभ
- कुपोषण की समस्या का समाधान:
गरीब परिवारों को दुधारू गाय मिलने से उनके बच्चों के लिए पौष्टिक दूध उपलब्ध होगा, जिससे कुपोषण जैसी समस्या का समाधान होगा। - आर्थिक सहायता:
गाय के रख-रखाव के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सहायता से परिवारों को आर्थिक सहारा मिलेगा। - स्वास्थ्य और उत्पादकता:
गोवंश के उचित देखभाल से उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। - गो-आश्रय स्थलों पर भार कम:
इस योजना के तहत गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश को सुपुर्दगी में देने से इन स्थलों पर भीड़ और खर्च में कमी आएगी।

योजना का लाभ कैसे लें?
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- आवेदन प्रक्रिया:
- पात्र गरीब परिवारों को इस योजना के लिए स्थानीय ग्राम पंचायत या ब्लॉक स्तर पर आवेदन करना होगा।
- आवेदन करते समय परिवार के सदस्यों की जानकारी, पहचान पत्र, और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) होने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
- चयन प्रक्रिया:
- सरकार द्वारा अभियान चलाकर लाभार्थी परिवारों का चयन किया जाएगा।
- प्राथमिकता उन परिवारों को दी जाएगी, जिनके बच्चे कुपोषित हैं।
- गाय सुपुर्दगी:
- चयनित परिवारों को गोवंश सुपुर्दगी दिवस पर गाय दी जाएगी।
- आर्थिक सहायता प्राप्त करना:
- गाय के भरण-पोषण के लिए सरकार से प्रतिदिन 50 रुपये की सहायता बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके लिए लाभार्थी को बैंक खाता नंबर और आधार कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य है।
योजना के लिए पात्रता
- परिवार उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- परिवार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) होना चाहिए।
- आवेदन करने वाले परिवार के बच्चों का कुपोषित होना योजना के लिए प्राथमिक पात्रता मानी जाएगी।
योजना की सफलता के संभावित प्रभाव

मुख्यमंत्री सहभागिता योजना न केवल गरीब परिवारों की जीवनशैली में सुधार करेगी, बल्कि प्रदेश में दूध उत्पादन को भी बढ़ावा देगी। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, क्योंकि लोग इस योजना के माध्यम से पशुपालन में रुचि लेंगे।
योजना से संबंधित आवेदन लिंक
योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थी यूपी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना पोषण मिशन एक क्रांतिकारी कदम है, जो उत्तर प्रदेश में कुपोषण और गरीबी की समस्या को दूर करने में सहायक होगा। इस योजना से न केवल गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश पालन और पोषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।